आज के भारत में जब ईमानदारी के प्रतिरूपों की चर्चा होती है तो मनमोहन सिंह और अन्ना हज़ारे का नाम सहज ही ज़ुबान पर आता है.
इसके बावजूद कि हाल के दिनों में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल के कई सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोपों में उँगलियाँ उठी हैं और कांग्रेस के एक प्रवक्ता अन्ना हज़ारे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं.
15 अगस्त को ये दोनों हस्तियाँ अलग-अलग समय और मंचों पर भारत के लोगों से रूबरू थीं. लाल किले की प्राचीर से मूसलाधार बारिश के बीच मनमोहन सिंह कई घोटालों की शिकार अपनी सरकार का बचाव कर रहे थे तो शाम को राजघाट की हरी दूब पर चादर बिछा कर अपने प्रशंसकों से घिरे आँखें मूँदे अन्ना हज़ारे गहन चिंतन की मुद्रा में बैठे थे.
यह जानने के लिए किसी मशक्कत की ज़रूरत नहीं थी कि इनमें से कौन भारत की जनता से सीधा संवाद स्थापित करने में सफल हो पा रहा था.
Read MORE
Leave a comment