भारत के नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुरीश मेहता ने कहा है कि मुंबई हमलों को पाकिस्तान की किसी ‘निपुण’ संस्था के परोक्ष समर्थन के बिना अंजाम नहीं दिया जा सकता था.
पिछले साल नवंबर में हुए मुंबई हमलों में 170 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए. इसके बात भीरत ने पाकिस्तान में मौजूद तत्वों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उनके प्रत्यर्पण की माँग की है.
उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने कहा है कि पाकिस्तान ने चीन के विशेष दूत से अनुरोध किया है कि वे ‘दिल्ली जाकर पाकिस्तान की तरफ़ से भारत से बातचीत करें और इस संबंध में पाकिस्तान की ओर से चीन को ब्लैंक चैक है.’
बयानबाज़ी का दौर
बिलकुल परोक्ष समर्थन रहा है. कोई न कोई निपुण संस्था का इससे संबंध है. नहीं तो आप कैसे सीखते हैं कि क्या करना है. ऐसे अभियान को अंजाम देने के लिए आपको ढ़ांचा कैसे मिलता है. इन सभी मुद्दे को देखते हुए लगता है कि किसी निपुण संस्था का संबंध हो सकता है
एडमिरल सुरीश मेहता
भारत और पाकिस्तान के बीच इसके बाद तनाव ख़ासा बढ़ा हुआ है और आए दिन दोनों पक्षों से बयान आ रहे हैं.
जहाँ भारत की ओर से विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी लगातार बयानबाज़ी कर रहे हैं वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहे हैं.
मुंबई में नौसेना के हेलिकॉप्टर अड्डे का उदघाटन करते समय एडमिरल मेहता से पाकिस्तानी एजेंसियों की कथित मदद के बारे में सवाल पूछा गया.
उनका कहना था, “बिलकुल परोक्ष समर्थन रहा है. कोई न कोई निपुण संस्था का इससे संबंध है. नहीं तो आप कैसे सीखते हैं कि क्या करना है.”
उन्होंने ये भी कहा, “ऐसे अभियान को अंजाम देने के लिए आपको ढ़ांचा कैसे मिलता है. इन सभी मुद्दे को देखते हुए लगता है कि किसी निपुण संस्था का संबंध हो सकता है.”
उनका कहना था कि पाकिस्तान के कहे अनुसार यदि मुंबई हमलों के लिए ज़िम्मेदार लोग किसी देश के ‘नागरिक नहीं भी थे या फिर किसी सरकार के इशारे पर कार्रवाई नहीं भी कर रहे थे, तब भी (पाकिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल करने के कारण) ज़िम्मेदारी तो उसी देश की बनती है.’
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